भारत सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कक्षा 11वीं और 12वीं के विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए इंटर्नशिप की योजना को मंजूरी दी है। यह इंटर्नशिप देश की प्रमुख ‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत आएगी, जो कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संचालित है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य के लिए बेहतर तैयार हो सकें।
विज्ञान धारा योजना क्या है?
‘विज्ञान धारा’ योजना का गठन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत तीन प्रमुख योजनाओं को मिलाकर किया गया है। यह योजना मुख्यतः तीन घटकों पर केंद्रित है:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण (S&T Institutional and Human Capacity Building): इसमें शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान और विकास (R&D) के लिए आवश्यक संसाधनों और बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है। साथ ही, मानव संसाधन को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण और विकास के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
- अनुसंधान और विकास (Research and Development): इस घटक के अंतर्गत, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समर्थन दिया जाएगा, जिससे सतत ऊर्जा, जल संरक्षण, और अन्य क्षेत्रों में प्रगति होगी। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को सशक्त बनाया जाएगा।
- नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और कार्यान्वयन (Innovation, Technology Development and Deployment): इसका उद्देश्य नई तकनीकों का विकास और उन्हें वास्तविक जीवन में लागू करना है। इससे देश की तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी और उद्योगों तथा स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा मिलेगा।
कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए इंटर्नशिप का महत्व
‘विज्ञान धारा’ योजना के अंतर्गत, कक्षा 11वीं और 12वीं के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के छात्रों को इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा। यह इंटर्नशिप न केवल छात्रों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेगी।
इंटर्नशिप के दौरान, छात्रों को देश के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास (R&D) संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों में काम करने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने और उनके समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलेगी।
वित्तीय योजना और लक्ष्य
‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत 2021-22 से 2025-26 तक के लिए 10,579 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य निधियों के उपयोग में सुधार लाना और विभिन्न उप-योजनाओं और कार्यक्रमों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। यह वित्तीय निवेश देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे को और भी मजबूत बनाएगा।
विज्ञान धारा और अन्य योजनाओं से संबंध
‘विज्ञान धारा’ योजना को भारत सरकार की ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020’ (STIP 2020) के साथ भी जोड़ा जा सकता है। STIP 2020 का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समावेशी और नवाचारी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
इसके अलावा, इस योजना को ‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ (NRF) के साथ भी जोड़ा जा सकता है, जो कि अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्था के रूप में कार्य करेगा। NRF का उद्देश्य देश में अनुसंधान के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना और वैज्ञानिक समुदाय के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। ‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत, NRF के माध्यम से अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
विज्ञान धारा योजना का व्यापक प्रभाव
‘विज्ञान धारा’ योजना का प्रभाव दूरगामी होगा। यह योजना न केवल देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि यह नवाचार और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित करेगी।
इस योजना के अंतर्गत छात्रों के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान न केवल उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि उत्पन्न करेगा, बल्कि उन्हें भविष्य के वैज्ञानिक और इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित भी करेगा। इस प्रकार, यह योजना देश के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
भविष्य की दिशा
‘विज्ञान धारा’ का मुख्य उद्देश्य है कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को पूरा करे। यह योजना ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
योजना के तहत, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाएगा, जो कि देश के विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही, यह योजना देश के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
‘विज्ञान धारा’ योजना न केवल भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस योजना के अंतर्गत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान उन्हें एक मजबूत वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगा, जिससे वे भविष्य में देश के विकास में योगदान कर सकें।
इस प्रकार, ‘विज्ञान धारा’ योजना भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और देश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए आयामों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।