सोमवार, दिसम्बर 23, 2024

2047 तक विकसित भारत का संकल्प: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस संदेश

नई दिल्ली, 15 अगस्त 2024: 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने संकल्प को दोहराया। इस ऐतिहासिक दिन पर दिए गए उनके भाषण ने देश के नागरिकों को प्रेरित किया और उन्हें इस दिशा में एकजुट होकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को नमन करते हुए उनके बलिदानों को याद किया और वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्र की संकल्प शक्ति को मजबूत बनाने की अपील की।

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की। उन्होंने उन वीरों की स्मृति को नमन किया जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी के दीवानों ने हमें यह स्वतंत्रता दिलाई है, और हमें उनके सपनों को साकार करने के लिए समर्पित रहना होगा। अगर 40 करोड़ देशवासी गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, तो आज 140 करोड़ भारतीय एक समृद्ध और विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं।”

यह वक्तव्य न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि आज के समय में भी उतनी ही दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर हमारे पूर्वज इतने सीमित संसाधनों के बावजूद आजादी हासिल कर सकते हैं, तो वर्तमान पीढ़ी, जो आधुनिक तकनीक और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का लाभ उठा रही है, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकती है।

2047 तक विकसित भारत का संकल्प

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह लक्ष्य केवल भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे देशवासियों का संकल्प, कठोर परिश्रम और व्यापक योजना शामिल है। मोदी ने कहा कि इस दिशा में हर एक भारतीय का योगदान आवश्यक है और यह संकल्प सामूहिक प्रयासों से ही पूरा किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने पिछले वर्षों में देश के करोड़ों नागरिकों से सुझाव मांगे हैं और इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत 2047 का खाका तैयार किया गया है। इन सुझावों में भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने, स्किल कैपिटल के रूप में विकसित करने, और पारंपरिक चिकित्सा को वेलनेस हब बनाने जैसे विचार शामिल हैं।

मोदी ने कहा, “हमारे देशवासी केवल सपने नहीं देख रहे हैं, वे इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए संकल्पित हैं। अगर हम इन सुझावों पर अमल करें और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, तो 2047 में हम एक विकसित और समृद्ध भारत का सपना साकार कर सकते हैं।”

Narendra Modi Video from Red Fort

आर्थिक विकास और औद्योगिक क्रांति

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत के आर्थिक विकास की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मोदी ने कहा कि “मेक इन इंडिया” पहल के तहत भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है, और यह पहल रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, और आयात पर निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने तकनीकी प्रगति और नवाचार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए अनुसंधान और विकास में अधिक निवेश करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए भारत को अपने शैक्षिक ढांचे को मजबूत करना होगा और छात्रों को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित) शिक्षा में प्रशिक्षित करना होगा।

मोदी ने ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। यह न केवल देश के लिए दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी भारत की अग्रणी भूमिका को मजबूत करेगा।

बैंकिंग और गवर्नेंस में सुधार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में विभिन्न सुधारों पर चर्चा की जो उनकी सरकार ने पिछले वर्षों में लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि ये सुधार केवल नीति बदलाव नहीं हैं, बल्कि ये भारतीय समाज के ढांचे को बदलने के लिए व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री ने बैंकिंग सेक्टर में सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने भारतीय वित्तीय संस्थानों को मजबूत बनाने और हर नागरिक को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मोदी ने जन धन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस पहल ने लाखों भारतीयों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल किया है, जिससे न केवल उन्हें वित्तीय सेवाओं का लाभ मिला है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास में भी योगदान हुआ है।

मोदी ने गवर्नेंस सुधारों का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल इंडिया पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने नागरिकों को ऑनलाइन सरकारी सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाया है, जिससे न केवल शासन की पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि भ्रष्टाचार में भी कमी आई है।

प्रधानमंत्री ने स्थानीय शासन को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज और नगरपालिका जैसे स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार और संसाधन देने से वे अपने समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। मोदी ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास देश के हर कोने तक पहुंचे और कोई भी क्षेत्र या समुदाय पीछे न रह जाए, हमें स्थानीय शासन को सशक्त बनाना होगा।”

युवाओं के लिए अवसरों का विस्तार

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारतीय युवाओं की शक्ति और महत्व को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज का युवा केवल छोटी-मोटी प्रगति से संतुष्ट नहीं है, बल्कि वह छलांग लगाने की तैयारी में है। मोदी ने कहा कि भारत की युवाशक्ति देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखती है, और सरकार का कर्तव्य है कि उन्हें इस दिशा में सही अवसर और संसाधन प्रदान किए जाएं।

प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को अधिक लचीला और समग्र बनाना है, जो छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से बल्कि व्यावहारिक रूप से भी सशक्त बनाएगी।

मोदी ने स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी पहल का जिक्र किया, जिनके माध्यम से युवाओं को नवाचार और उद्यमशीलता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों को बढ़ावा देना रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है, और ये पहल इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए नए अवसरों के निर्माण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास, जैसे कि अटल नवाचार मिशन और नए अनुसंधान संस्थानों की स्थापना, इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। मोदी ने विश्वास जताया कि अगर युवा भारतीयों को सही दिशा में प्रोत्साहित किया गया, तो वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर सकते हैं।

एनिमेशन, गेमिंग और डिजाइन में भारत का भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एनिमेशन, गेमिंग, और डिजाइन के क्षेत्र में भारत की क्षमता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र वैश्विक बाजार में तेजी से बढ़ रहे हैं और भारत को इनमें अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के पास न केवल टैलेंट है, बल्कि एनिमेशन, गेमिंग, और डिजाइन के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को चुनौती देने की क्षमता भी है। हमें ‘डिजाइन इन इंडिया’ और ‘डिजाइन फॉर दी वर्ल्ड’ के सपने को साकार करना होगा।”

मोदी ने गेमिंग उद्योग के विकास के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए, हमारे देश के युवाओं को ऐसे गेम्स विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए जो वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हों। उन्होंने कहा, “गेमिंग उद्योग में भारत को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। हमारे एनिमेटर्स और आईटी प्रोफेशनल्स को इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी चाहिए और दुनिया को भारतीय गेमिंग उत्पादों की ओर आकर्षित करना चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया

कि भारत को अपनी प्रतिभा और कौशल का उपयोग करते हुए एनीमेशन और गेमिंग में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करेगी।

महिलाओं का सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठा रही है, जिससे वे केवल समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं, बल्कि नेतृत्व भी कर रही हैं। मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र, वायु सेना, नौसेना, और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय महिलाओं का योगदान देश के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि इन अपराधों की तेजी से जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मोदी ने कहा, “जब महिलाओं पर अत्याचार होते हैं, तो इसका समाज पर गहरा असर पड़ता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों में सजा का भय हो।”

पर्यावरणीय स्थिरता और हरित ऊर्जा

प्रधानमंत्री ने पर्यावरणीय स्थिरता और हरित ऊर्जा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। मोदी ने कहा कि यह न केवल देश के लिए दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी भारत की अग्रणी भूमिका को मजबूत करेगा।

प्रधानमंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में एक वैश्विक हब बनने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रीन जॉब्स का महत्व आने वाले समय में बढ़ेगा और यह युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण एक प्रेरणादायक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने देशवासियों से इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की और यह विश्वास जताया कि भारत एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तैयार है।

मोदी ने कहा, “अगर हम अपने पूर्वजों के सपनों को संकल्प में बदलते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ें, तो 2047 में हम एक विकसित और समृद्ध भारत का सपना जरूर साकार करेंगे।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि यह लक्ष्य केवल भाषणों का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम और देशवासियों का संकल्प है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर हम एकजुट होकर काम करेंगे, तो 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अवश्य साकार होगा।

भारत माता की जय!

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