सोमवार, दिसम्बर 23, 2024

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’: गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं

जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसे सबसे अधिक प्यार, देखभाल, और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। सम्मानपूर्वक प्रसव हर महिला का अधिकार है, और गर्भावस्था के दौरान महिला के साथ किसी भी प्रकार के बुरे बर्ताव का उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। दुर्भाग्य से, आज भी कई महिलाएं उचित देखभाल और मार्गदर्शन के अभाव में घर पर ही प्रसव करवाने को मजबूर होती हैं, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान को खतरा होता है।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए, भारत सरकार ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सम्मानजनक, मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि हर महिला को सुरक्षित प्रसव का अनुभव मिल सके।

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ का उद्देश्य

सुमन योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि सभी गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु उचित देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। योजना के तहत, अस्पताल में सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की जान को कोई खतरा न हो।

योजना का उद्देश्य निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित है:

  1. सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं: प्रत्येक महिला और नवजात शिशु को निशुल्क, सम्मानजनक, और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
  2. मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी: मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, ताकि देश में हर महिला और बच्चे को सुरक्षित जीवन मिल सके।
  3. आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की सहायता: गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ देना।
  4. शून्य सहिष्णुता नीति: स्वास्थ्य सेवाएं देने से इनकार करने वाले अस्पताल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही, ताकि किसी भी महिला को सम्मानजनक सेवाओं से वंचित न रहना पड़े।

सुमन योजना के तहत सरकार के प्रयास

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ के तहत सरकार ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी (NPM) एजुकेटर प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित नर्सों को चुना गया है, जो प्रसव के समय महिलाओं को विशेष देखभाल प्रदान कर सकती हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत 6 नवंबर 2019 को की गई थी, जिसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को रोकने में सहायता करना है।

इसके अलावा, सरकार ने गर्भवती महिलाओं को चार बार मुफ्त चेकअप का अधिकार प्रदान किया है, जिससे उनके और उनके बच्चे के स्वास्थ्य की नियमित जांच होती रहे। प्रसव के बाद भी महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं को छह महीने तक निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी।

सुमन योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ के तहत महिलाओं को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं:

  1. नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं: गर्भवती महिलाओं को सभी प्रकार के चेकअप और स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क दी जाएंगी।
  2. समयबद्ध स्वास्थ्य सेवाएं: गंभीर या आपातकालीन स्थिति में एक घंटे के भीतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  3. परिवहन सुविधा: गर्भवती महिला को घर से अस्पताल और फिर अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए निशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी।
  4. प्रसव के बाद देखभाल: प्रसव के बाद महिला को कम से कम 48 घंटे अस्पताल में रहना होगा, जिससे उनकी और शिशु की उचित देखभाल हो सके।
  5. शिशु का जन्म पंजीकरण: अस्पताल में शिशु का जन्म पंजीकरण प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
  6. मुफ्त ऑपरेशन: ऑपरेशन से प्रसव होने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

सुमन योजना के लाभ

सुमन योजना के तहत सरकार ने 100 प्रतिशत सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के माध्यम से, देश में सुरक्षित प्रसव का लक्ष्य 80 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो जाएगा। इस योजना के तहत, सुरक्षित प्रसव की गारंटी सरकार की ओर से दी जाएगी। प्रशिक्षित नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।

सुमन योजना के लिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

सुमन योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए:

  1. आवेदिका भारत की स्थायी नागरिक होनी चाहिए।
  2. बीपीएल कार्ड धारक और गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।
  3. गर्भवती महिलाएं और प्रसव के बाद छह माह तक की स्तनपान कराने वाली महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।
  4. बीमार शिशु या 0 से 6 माह तक के नवजात शिशु भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

सुमन योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आपको सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर अप्लाई नौ के ऑप्शन पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। आवेदन सबमिट करने के बाद, आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

निष्कर्ष

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है। यह योजना महिलाओं को सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। यह योजना न केवल महिलाओं को शारीरिक रूप से सुरक्षित महसूस कराती है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी सशक्त बनाती है।

सरकार के इस सराहनीय कदम के माध्यम से, देशभर में महिलाओं और शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें एक सकारात्मक और तनाव मुक्त जन्म अनुभव प्राप्त होगा। सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना ‘सुमन’ का उद्देश्य देश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देना है, ताकि हर महिला और नवजात शिशु को सुरक्षित जीवन का अधिकार मिल सके।

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