भारत, जिसकी पहचान “विश्व गुरु” के रूप में होती है, आज भी “विकसित” देशों की श्रेणी में नहीं आता है। हालांकि, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और देश की जनता पूरी लगन से प्रयासरत हैं। लेकिन क्या यह सपना इतना आसान है? क्या भारत के केंद्रीय तंत्र में पर्याप्त मजबूती है, जो इसे विकसित देशों की श्रेणी में ला सके?
विकसित भारत का दृष्टिकोण
विकसित भारत का सपना केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है। यह एक समग्र दृष्टिकोण है, जिसमें प्रत्येक वर्ग की सामाजिक उन्नति, पर्यावरणीय स्थिरता, और प्रभावी शासन जैसे विकास के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके लिए न केवल सरकार की नीतियों और योजनाओं की जरूरत है, बल्कि उनके कार्यान्वयन की भी अत्यधिक आवश्यकता है। क्या हमारा केंद्रीय तंत्र इतना मजबूत है कि इस लक्ष्य को हासिल कर सके? क्या हमारी बुनियादी नीतियां इतनी कारगर हैं कि वे हमारे आधारभूत ढांचे को मजबूत कर सकें?
भारत का यह दृष्टिकोण न केवल भारत को बल्कि पूरी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को भी एक नया आकार देगा। इससे विश्व मापदंडों में भारत की स्थिति को बदला जा सकता है। हालांकि, यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमारे सरकारी प्रयासों की गति कितनी तेज़ है और क्या यह दुनिया के साथ कदम मिलाने के लिए पर्याप्त है? यह महत्वपूर्ण सवाल हैं जिनका उत्तर हमें भविष्य की ओर देखते हुए खोजना होगा।
आर्थिक और वित्तीय सुधार
GST और कर सुधार
“एक राष्ट्र, एक कर” की नीति के तहत 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू किया गया, जिसने देश में कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लिया। GST परिषद की सिफारिश पर एक अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की गई, जिससे सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क से जुड़े मामलों का निपटारा तेज हो सके। इसके अतिरिक्त, 2023 में “इलेक्ट्रॉनिक रूप से भुगतान किए जाने वाले GST पर अधिक पारदर्शिता के लिए संशोधन विधेयक” पारित किया गया, जिससे कर चोरी को रोकने में मदद मिली।
राष्ट्रीय पुनरुत्थान निधि और वित्तीय निगरानी
“राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023” के तहत राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना की गई, जो देश में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है। NRF का नेतृत्व प्रधानमंत्री करेंगे और यह संस्थान वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा। इसके अलावा, कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने और कर दायित्वों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए “भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग” (CCI) को सशक्त बनाया गया है।
कृषि और ग्रामीण विकास
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की अधिकांश जनसंख्या गांवों में रहती है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए 2015 में “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय” का गठन किया, जो किसानों को उचित मूल्य दिलाने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करता है।
Model Contract Farming and Services Act, 2018
इस अधिनियम के तहत किसानों को कृषि जिंसों का उचित मूल्य मिल सकेगा और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। साथ ही, “डिजिटल कृषि” के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग शुरू किया गया है।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी
डिजिटल इंडिया और डेटा सुरक्षा
डिजिटल युग में भारत की प्रगति को मजबूत करने के लिए 2023 में “डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल” पारित किया गया, जिससे डेटा सुरक्षा और निजता को बढ़ावा मिला। इसके तहत डिजिटल डेटा की सुरक्षा के लिए “भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड” की स्थापना की गई, जो डेटा सुरक्षा मानकों को लागू करेगा और उल्लंघनों पर निगरानी रखेगा।
कानून और न्याय सुधार
आपराधिक कानूनों में सुधार
2023 में पारित “भारतीय न्याय संहिता (BNS)” और “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)” के तहत अपराधों की जांच, न्यायिक प्रक्रिया, और अभियोजन में सुधार किए गए। “फॉरेंसिक जांच” को अनिवार्य किया गया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ी है। इसके अलावा, “मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) विधेयक, 2023” पारित किया गया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार हुआ है।
जम्मू और कश्मीर में प्रशासनिक सुधार
2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठित किया गया। इससे क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिली और शांति स्थापित हुई।
महिला और बाल विकास
महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने “मिशन शक्ति”, “मिशन वात्सल्य”, और “मिशन पोषण” जैसी योजनाएं लागू की हैं। इसके साथ ही, आपराधिक कानूनों में किए गए सुधारों का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना है। “लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु” को बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया गया है, जिससे महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद मिली है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
पर्यावरणीय संरक्षण और जलवायु नीति
सरकार ने 2023 में “राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण” और “राज्य जैव विविधता बोर्ड” जैसे संस्थानों की स्थापना की, जो जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, “केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB और SPCB)” की स्थापना की गई है, जो प्रदूषण नियंत्रण में सहायक है।
रक्षा और आंतरिक सुरक्षा
राष्ट्रीय रक्षा नीति और सुधार
भारत की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए “राष्ट्रीय रक्षा अकादमी” और “अंडमान और निकोबार कमांड” जैसे अंतर-सेवा संगठनों का गठन किया गया है। 2023 में पारित “भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023” के तहत आतंकवाद को अपराध की श्रेणी में रखा गया है और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने “राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)” और “राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग” का गठन किया है, जिससे चिकित्सा पेशों में मानकों को स्थापित किया जा सके। इसके अलावा, “राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों” को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में मान्यता दी गई है।
सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण
सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए “अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति” और “राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना” जैसी योजनाओं को लागू किया गया है। इसके अलावा, सरकार ने “राष्ट्रीय सामाजिक न्याय आयोग” की स्थापना की है, जो वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम कर रहा है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और तकनीकी विकास
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए “राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF)” की स्थापना की गई है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और देश में तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, 2023 में “राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान” और “वैज्ञानिक अनुसंधान बोर्ड” को मजबूत किया गया है, जो अनुसंधान गतिविधियों की निगरानी और समर्थन करेंगे।
भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पिछले दस वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन सुधारों का उद्देश्य देश की आर्थिक, सामाजिक, और कानूनी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना है, जिससे भारत विश्व पटल पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर सके। इन सुधारों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इन्हें कितनी प्रभावशीलता से लागू किया जाता है और इनमें कितनी पारदर्शिता होती है।
इस दिशा में उठाए गए कदम भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। “सुरक्षित भारत ही विकसित भारत का आधार होगा,” यह विचार आज देश के प्रत्येक नागरिक की उम्मीदों का प्रतीक है।